इस्लामाबाद स्थित बीबीसी संवाददाता जुल्फिकार अली ने पिछली दो मई को सबसे पहले बीबीसी को यह खबर दी थी कि पाकिस्तान के सैन्य शहर ऐबटाबाद में एक अमरीकी हेलिकॉप्टर गिरा है.
वही खबर बाद में दुनिया की सबसे बड़ी कहानी बन गई कि ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन मारे गए हैं.
यह खबर ब्रेक करने पर जुल्फिकार अली को मध्य एशिया के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टिंग का बीबीसी ग्लोबल न्यूज अवॉर्ड 2012 मिला.
ऐबटाबाद में अमरीकी कार्रवाई के दौरान क्या हुआ, इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं बीबीसी संवाददाता जुल्फिकार अलीः
“मुझे अपने पत्रकारिता जीवन में जो घटनाएँ हमेशा याद रहेंगी. इनमें सबसे ज्यादा वो खबर है जो पिछले साल दो मई की सुबह देखते देखते पूरी दुनिया की सबसे बड़ी खबर बन गई थी. यह वही खबर थी, जिसमें अमरीकी सैनिकों ने खुफिया कार्रवाई कर ओसामा बिन लादेन को मार दिया था.
उस रात पाकिस्तान में दो अहम घटनाएँ घटीं. एक तो सत्ताधारी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के विरोधी और पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की समर्थक पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) औपचारिक रूप से सरकार में शामिल हुई.
और दूसरा इस्लामाबाद के करीब अटक के इलाके में अफगानिस्तान में मौजूद अतंरराष्ट्रीय सेना के लिए सामान ले जा रहे वाहनों पर हमला हुआ, जिसमें चार पुलिसकर्मी मारे गए थे. यह रात देर की घटनाएँ थीं.
बड़ी खबर मिली
उसी दौरान यह खबर मिली की ऐबटाबाद में बिलाल टाउन के इलाके में पाकिस्तानी सेना के प्रशिक्षण केंद्र के करीब एक हेलिकॉप्टर गिर कर तबाह हो गया है.
उस घटना की ओर ध्यान ज्यादा गया और वह एक अजीब खबर थी क्योंकि पाकिस्तान के सैन्य हेलिकॉप्टर रात में उड़ान भरने की क्षमता नहीं रखते.
समय गंवाए बिना ऐबाटाबाद शहर में पुलिस कंट्रोल से टेलीफोन पर संपर्क किया लेकिन वहाँ मौजूद पुलिसकर्मियों को उस घटना के बारे में कोई खास जानकारी नहीं थी.
लेकिन उन्होंने हेलिकॉप्टर गिरने की पुष्टि की और बताया कि इलाके में गोलीबारी और धमाकों की आवाज भी आई हैं. उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तानी सेना ने इलाके को घेर लिया है और स्थानीय प्रशासन और पुलिस को घटनास्थल पर जाने की अनुमति नहीं है.
उस रात पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता को उनके मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने न फोन उठाया और न ही कोई जवाब दिया.
सब कुछ सील था
ऐबटाबाद में एक स्थानीय पत्रकार से संपर्क हुआ तो उन्होंने बताया कि उन्हें न तो तस्वीरें खींचने की अनुमति मिली है और न ही उन्हें घटनास्थल के पास जाने दिया जा रहा है.
साथ ही उनका यह भी कहना था कि सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया और सैन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुँचे हैं और सैन्य वाहन भी वहाँ जाते हुए देखे गए हैं.
इस इलाके में पहली बार व्यापक स्तर पर सेना की गतिविधियाँ नजर आईं और यह गतिविधियाँ किसी बड़ी घटना के खबर दे रही थीं.
मुझे टुकड़ों में जानकारी मिलती रही और वो खबरें मैं तुरंत लंदन डेस्क को पहुँचा रहा था.
वह बहुत ज्यादा मुश्किल स्थिति थी क्योंकि अब इस आधुनिक दुनिया में खबर मिलना आसान बात है लेकिन उस रात कुछ भी नहीं मिल रहा था.
पाकिस्तानी सेना और नागरिक सरकार ने इस घटना को लेकर चुप्पी साध ली थी और किसी को घटनास्थल पर जाने की अनुमति भी नहीं थी. ऐसे में मेरी लगातार यह कोशिश रही कि किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क हो जो ज्यादा जानकारी दे सके.
मिशन ओसामा बिन लादेन
उसी दौरान एक ऐसे व्यक्ति से संपर्क हुआ जो घटनास्थल पर गए थे और उन्होंने हेलिकॉप्टर के टुकड़े भी उठाए जो तबाह हो गया था.
उस प्रत्यक्षदर्शी ने बताया था कि यह पूरी कार्रवाई एक घर पर केंद्रित थी और उन्होंने दो हेलिकॉप्टरों को आसमान में उड़ते देखा था, जिसमें से एक गिर कर तबाह हो गया और बाद में उसमें आग लग गई.
उन्होंने कहा था कि उस हेलिकॉप्टर की बनावट से लगता था कि वह अमरीकी हेलिकॉप्टर है.
उनके मुताबिक जब कार्रवाई हो रही थी तो घर में बच्चे और महिलाएं भी मौजूद थीं और उन्होंने बच्चों की चीखें सुनीं.
उस खबर का पीछा करते करते सुबह हो चुकी थी और उसी दौरान यह सूचना मिली कि अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ओसामा बिन लादेन की मौत के बारे में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करने वाले हैं.
उसके बाद अमरीकी राष्ट्रपति टीवी पर आए और उन्होंने ऐबटाबाद में अमरीकी सैनिकों की कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन के जाने की घोषणा की.”
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